शिवजी की तरह ज़हर पीती है मीना
ताकि तुम सब खुश रह सको क्या जानता है यह बात कोई
शिवजी ने पीया सबने जाना
मीना ने पीया किसी ने न जाना
यही तो और मजा है
पीने का जीने का
तभी तो मुस्कुराती रहती हूँ
कि कोई भी कुछ नहीं जानता
कैसे-कैसे हादसे सहते रहे और
मुस्कुराते रहे
यही सत्य है
यहीं सत्य है
- प्रणाम मीना ऊँ