गंगा


ऊँ नम: शिवाय ऊँ शंकराय नम:
मधुर मनोहर राह सब इसी पर चलो
गंगा तुम्हारा जल तुम्हारी छाती से बहता दूध है
जिसे पीकर यह बच्चा बड़ा होकर
तुम्हारे दूध का कज़र् अदा करेगा।
सिद्ध भजो ऊँ फैलाऊँ दिग दिगंत
इतनी ऊँचाई पर पहुँचकर आगे कहाँ…
दूसरों के लिए जीना होगा। दूर करूँ अज्ञान….
बन उदाहरण सत्य प्रेम कर्म व प्रकाश का
ईश्वर प्राप्ति के बाद यही मार्ग है, यही है मार्ग
काल सबको नष्ट कर देता है… यह सर्वविदित सत्य है।
प्रभु मुझे निर्भय करें
मृत्यु भी एक साधना है प्रभु शक्ति दो तुम्हारे काम आ सकूँ
सभी धर्मों को मैंं स्वीकार करती हूँ
मेरी आत्मा मुझमें ही समा गई है !
यही सत्य है ईश्वर

  • प्रणाम मीना ऊँ

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