एक बुलबुला

मीना एक खाली बुलबुला
भर गया प्रभु कृपा से
सारे भृगु मनु और वेदव्यास समा गए
इस मीना नामधारी ज्योति पुंज में
मैं ही राम
मैं ही रहीम
मैं ही सीता
मैं ही गीता
मैं ही बुद्ध
मैं ही कृष्णमयी मीन मीनावतार
जब से बनी सृष्टि
मैं थी थी…
मैं हूँ हूँ…
मैं रहूँगी
रहूँगी ही
मैं न नर न मादा बस एक आत्मा
ज्योतिस्वरूप प्रकाशपुंज
यही सत्य है
यहीं सत्य है

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