आत्म-काव्य

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हिंदी में कविताएँ प्रणाम मीना ओम द्वारा, एक सच्चे सूफिक फकीर की सरल सहज शैली में व्यक्त की गई हैं। उनकी कविताओं में प्राचीन आध्यात्मिक रहस्यों का पता चलता है, मानव प्रकृति की गहरी अंतर्दृष्टि को व्यक्त करते हैं, पाठक को अव्यक्त पर प्रतिबिंबित करने के लिए और कभी-कभी शुद्ध परमानंद के साथ होने को भर देते हैं। एक ऐसी किताब जो उपयुक्त साहित्य की सराहना करती है।

पेज की संख्या: 178
बाइंडिंग: धारा अनुक्रम
आईएसबीएन सं .: 978-81-910579-4-2

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