चेतना कहें

दिशा निर्देश चाहिए. क्या आप दोराहे पर हैं, किस रास्ते पर चलना है मालूम नहीं, भ्रमित परेशान व दुविधा में हैं। हम सब जानते हैं कि ऐसे में उन्नत गुरुओं की विवेकपूर्ण परामर्श वस्तुस्थिति को बदल सकती है। उनकी शिक्षाएं, जो हमें जानना आवश्यक है उसे दर्शा व बता सकती हैं। हो सकता है वह सब वो ना हो जो हम सुनना चाहते हैं।

कहा जाता है कि आध्यात्मिक गुरुओं की शिक्षाएं उनकी आत्मिक शक्ति से ओत प्रोत होती हैं। खुले मस्तिक से स्वीकार कर ईमानदारी से धारण करने पर अशांत मन को धीरज और शान्ति प्रदान करती हैं और उत्तरोत्तर आध्यात्मिक उत्थान का मार्ग प्रशस्त करती है।

यहां हम मीना जी की कही बातों का संकलन प्रस्तुत कर रहे हैं।

मार्ग दर्शन कैसे प्राप्त करें।

एकांत स्थल में शांति से बैठें। गहरी श्वासें लें। अपने में स्थित हों। अब अपने प्रश्न पर ध्यान लगाएं। एक छोटी सी प्रार्थना “परम चेतना मेरा मार्ग दर्शन करो' के साथ नीचे का बटन दबा दें।

मीना जी का दर्शन आपके साथ होगा। आपको अपना उत्तर प्राप्त होगा।

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That is not the end:

Ponder on the answer revealed to you. In it lies the seed of your further progress spiritual evolution.

Just be open and imbibe the message!
Pranam
Editor,

www.hindi.pranam.org.in

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