संसार बहुत सुंदर है आओ इसे और सुंदर बनाएं
प्रणाम सभी शास्त्रों व वेदों के सार-गीता को जीना सिखाता है ताकि सब गीता का सही संदेश व अर्थ वैसा ही समझ सकें जैसा जगद्गुरु योगेश्वर श्रीकृष्ण ने बताया। जो मार्गदर्शन हमें महापुरुषों युगदृष्टाओं व महात्माओं ने दिया उस पर कैसे चला जाए कैसे समझा जाए और कैसे जीवन में उतारा जाए बिना संसार को छोड़े नकारे और विरक्त वह मार्ग… जो सत्य है सुगम है आनन्ददायी है आज तक जितने भी धर्म हुए वो सब व्यक्ति विशेष या पंथ विशेष पर आधारित रहे हैं। मगर प्रणाम इन सबके लक्ष्यों पर आधारित है कि वो क्या प्राप्त करना चाहते थे। प्रणाम का धर्म मानवता है जो प्रकृति के नियमों की सत्यता पर आधारित है। मानव जीवन का लक्ष्य क्या है कैसे मानव अपने अन्दर छुपी दिव्य शक्तियों को उजागर कर विश्व में सत्य प्रेम व प्रकाश का प्रसार कर सकता है इसी का मार्गदर्शन प्रणाम में उदाहरण बनकर मिलता है।…