आँखों का भाव
यहीं है सत्य, मीना की आँखों में आँखों के भाव में यही सत्य है कि यहीं सत्य है मीना नाम का जीव बह रहा है युग-युगान्तर से युगचेतना के साथ युग पुरुषों की इच्छाशक्ति से सब गुरु मेरे अन्तर में ही तो समाए हैं अपना-अपना काम मुझसे करवाए हैं बारी-बारी आकर समय के हिसाब से मेरा अन्दर बाहर सब उनका ही आधार उनका ही आकार हो जाता है मीना अब कहाँ? कहाँ ढूँढ़े मीना अपने को बिना मोल खरीदा सबने इस जीव मीना को बस दृष्टि का आँख का भाव ही बता पाएगा यहीं यहीं सत्य को… यही सत्य है यहीं सत्य है !! प्रणाम मीना ऊँ