निष्क्रियता के माध्यम से रचनात्मकता क्रिया है।
घटित होने वाली आध्यात्मिकता रचनात्मकता है।
जाने दो !!
कुल छूट
जाओ ईजीओ जाओ
‘I 'GO
रचनात्मकता को उल्लू बनाता है, खुद के साथ पूरी तरह से सहज
पूर्ण एकांत और अकेलेपन में
वास्तविक स्व (आध्यात्मिकता) प्राकृतिक रूप से प्रवाहित होती है।
हम सभी के भीतर दिव्य चिंगारी स्वाभाविक है
निर्माता, पूर्णतावादी और विध्वंसक
ब्रह्मा-विष्णु-महेश
इसे सिर्फ नेचुरल होने से ही होने दें
सिर्फ होना, होना होना
बस से पहले होना चाहिए
रचनात्मकता ऊर्जा का आध्यात्मिक चैनल है
रचनात्मकता छिपे हुए ज्ञान को प्रकट करती है
रचनात्मकता अदृश्य को दृश्य रूप देती है
सर्वोच्च सृष्टि के लिए अपने ब्रह्म में प्रज्वलित रहें।
ओम
यही सच्चाई है।