क्या किसी को भी प्यार करने से प्यार हो जाता है क्या किसी को भी प्यार करने से प्यार हो जाता है नहीं तो… फिर प्यार कैसे हो जाता है खुदा जाने खुदा जाने यही सत्य है यहीं सत्य है
वैराग्य त्याग नहीं है
डिटैचमेंट हमारे आसपास होने वाली घटनाओं से अनजान नहीं है
डिटैचमेंट, अपने आसपास की चेतना से दूर नहीं है
डिटैचमेंट डोरशिप के बंधन से मुक्ति है
अलगाव पीड़ाओं और कष्टों से मुक्ति है
जो लगाव के साथ आता है ...
यही सच्चाई है।