मन भीगा-भीगा सा हो गया है
मन खाली-खाली सा हो गया है मन अब कुछ भी याद रखना नहीं चाहता
मन के साथ यह करिश्मा हो गया है
क्या तू भी मेरा हो गया है
हाँ…हाँ…हाँ… यही है सत्य
जली इक श़मा अपना ही दिल जलाने को
ताकि दुनिया को रोशनी दे सके
शामे गम की कसम
महफिल में अँधेरा होगा हमारे जाने के बाद
बहुत दिए जलाओगे रोशनी के लिए
यही सत्य है
यहीं सत्य है
- प्रणाम मीना ऊँ