स्वर्गादपि गरीयसी

प्रत्येक युग का सूत्राधार इसी पावन भूमि से हुआ
हुआ था और होगा ही यही सत्य है
मानवता मानव ही सत्य है
मैं सत्य की विनम्र अन्वेषी हूँ
मानवता की अदना-सी सेवक
मैं जानती हूँ सत्य क्या है
मैं सत्य हूँ
सत्य मेरे साथ है
सत्य मैं हूँ
सत्य ही मैं हूँ

मैं गीता हूँ
गीता ही मैं हूँ
जागो लोगों! जगत की बीती काली रात।
मंगलमय नववर्ष का आया नवल प्रभात॥
गीता मय हूँ
ओऽम्

ओ परम मुझे अपूर्णता,
अज्ञान अंधकार तिरोहित करने के लिए
अपनी सारी शक्तियाँ
एवं निर्देशन दो।
एक सुन्दर संसार का उदय है
काल चक्र घूम गया है

ब्रह्माण्डीय रूपांतरण
सत्यम् शिवम् सुन्दरम्
पूरा है विश्वास
पूरा होगा मेरा विश्वास
मुझे माध्यम बना
पूरी शक्ति ब्रह्माण्ड अवश्य देंगे
अपने कर्म हेतु
यही सत्य है !!

  • प्रणाम मीना ऊँ

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