मैं आत्मा हूँ
आत्मा ही तो हूँ
आत्मा में पूर्णतया संतुष्ट
आत्मा के ही गुणों में रमने वाली
आत्मा से ही खेलने वाली बातें करने वाली
औरों की भी आत्मा से सम्पर्क साधने वाली
उसी को अनुभव कर
आत्मानुभूति में मगन रहने वाली
आत्मा के ही गुण विस्तीर्ण करने को
यह शरीर प्रभु का ही दिया
हो गया प्रभु का ही दीया
आयाहि सत्य आविर्भव
आओ सत्य अवतरित होओ
- प्रणाम मीना ऊँ