सुरीली
बजी बांसुरी कृष्ण की शान्ति के बिगुल सी मीना के मन सी सत्य के कथन सी प्रेम के सपन सी राधा के प्राण सी कर्म के आयाम सी जागरण के आह्वान सी जीवन के नव-विहान सी वेद के विधान सी कृष्ण के अनुप्राण सी मीना न सोई सी न जागी सी ब्रह्माण्ड की आँख की पुतली सी मनभाई सी मन ही मन मुस्काई सी दुर्गा सी ब्रह्मवादिनी मीना स्वयं साधिनी मीना मनु यही सत्य है यहीं सत्य है प्रणाम मीना ऊँ