परम सत्य

नमामि वंदे गुरु समूह माँ परम शक्ति संचालिनी सब गुरुजनों का वरद्हस्त मेरे सूर्य स्थान पर सहस्रार पर माँ सरस्वती दुर्गा काली आवें ब्रह्मा स्वयं पाठ पढ़ावें सब ब्रह्मा पुत्र सरस्वती पुत्र स्वयं ही दीक्षा दे जावें ऊँ भी ब्रह्मा विष्णु महेश भी सभी देखे अनदेखे गुरुजन श्री ईसा, श्री मूसा, श्री रहीम श्री राम, श्री कृष्ण, श्री बुद्ध श्री विवेकानन्द, श्री साँई बाबा श्री नानक देव, श्री मीरा श्री तुलसी, श्री कबीर सब स्वयं ही दिखा रहे राह ज्योतिपुंज बना रहे इस मीना शरीरधारी जीव को सर्वशक्तिमान के सभी संदेशवाहकों द्वारा दीक्षित पोषित व प्रेषित यह प्राण यही सत्य है। यहीं सत्य है। प्रणाम मीना ऊँ

मानव-मन

आप ही अक्षर ब्रह्म आप ही तत्व बीज आप ही तत्व अविनाशी आप ही तत्व विनाशी आप ही तत्व सुबुद्धि आप ही तत्व कुबुद्धि आप ही तत्व शैतान आप ही तत्व भगवान मानव बुद्धि सुर में तो भगवान सुर में नहीं तो शैतान यही सत्य है। यहीं सत्य है। प्रणाम मीना ऊँ

श्रीकृष्ण का विराट रूप

मेरे ज्ञानचक्षु का बिन्दु बन गया सभी गुरुजनों ने स्वयं हाथ रखा दीक्षा दी दर्शन दिया मार्ग दिखाया सब कुछ इसी शरीर में रखे-रखे मन-मस्तिष्क आत्मतत्व में समाया बनी कड़ी उत्थान की मीना की काया प्रभु आया यही सत्य है। यहीं सत्य है। प्रणाम मीना ऊँ