कर्मगति
जब जिज्ञासुओं के प्रश्नों के उत्तर नहीं बन पड़ते या नहीं कह पाते तो कह देते हैं कि पिछले जन्मों के कर्मफल हैं। कोई अमीर घर में पैदा क्यों होता है, कोई गरीब घर में पैदा क्यों होता है, जीव की उत्पति अपने अनुकूल वंशानुगत वातावरण में होती है। नाली का कीड़ा नाली में ही बच्चा पैदा करेगा। इसमें पिछले कर्मों को दोष देना व्यर्थ है। वैसे भी हम भारतीयों का राष्ट्रीय चरित्र बन गया है- अपनी कमियों असफलताओं का दोषारोपण दूसरे पर डाल देना। यह आलस्य है, कर्म न करने का बहाना है। यदि गरीबी पिछले जन्मों का कर्मफल होता तो कोई-कोई गरीब दुनिया का सबसे बड़ा अमीर क्यों बन जाता है? कारण है, तत्बुद्धि ज्ञान और कर्म। सही दिशा में कर्म पूरे मनोयोग और पुरुषार्थ से न कि पिछले जन्मों का कर्मफल। अगला-पिछला जन्म किसने देखा है। सब प्रश्नों को टालने के बहाने हैं या यह भी हो…