होगा कोई परम हंस
जिससे जुड़े मेरे
मानस का हंस उड़ने को तैयार
हो जगत उजियार देखे संसार
आ गया मेरे मानस का हंस
पाकर दुर्गा शक्ति
हुई उत्पत्ति
अब ना नष्ट होगी
सरस्वती की सम्पत्ति
परमहंस
परमज्ञानी
ही बाँचेंगे जाँचेंगे – मेरी वाणी
दत्तात्रेय – ज्ञान ध्यान विवेक त्रय दत्ता
ब्रह्मा : महासरस्वती
विष्णु : महालक्ष्मी
महेश : दुर्गेश्वरीमहाकाली
ऊर्जाओं से युक्त मानस का हंस !!
- प्रणाम मीना ऊँ