अपने आप के साक्षी बनना सीखें, ताकि आप अपने मन के हस्तक्षेप के बिना अपने अंतर के परम तत्व, सच्चे अस्तित्व के संदेशों को पढ़ सकें। ऐसा करने से, आप स्पष्टता प्राप्त करेंगे। यह आसान नहीं है। इसे सिद्घ करने में कुछ महीने लग सकते हैं। फिर भी प्रारम्भ करना महत्वपूर्ण है। इससे आपको वर्ष के संदेश को भी समझने में मदद मिलेगी। इसलिए अब दूसरों को जांचना छोड़ दें और स्वयं को देखना शुरू करें।
दूसरों को जांचते समय, आप निर्णयात्मक हो जाते हैं। अब खुद को जांचने का समय है। ताकि आप उन संदेशों को पढ़ सकें जो दिव्य आपके पटल पर लिख रहे हैं। और बहानों को बनाने, नकारने के लिए अपने दिमाग का उपयोग करने की अपेक्षा परम सत्ता सर्वोच्च को इन संदेशों का पालन करने के लिए, शक्ति प्रदान करने के लिए कहें। यह सब अपने साक्षी होने से शुरू होता है।
- प्रणाम मीना ऊँ