शोक का कारण क्या है? न जानना ही अज्ञानता है
इसका अनुभव स्वयं से ही होता है।
अपने आपसे प्राप्त दुख-कष्टï सब तपस्या के ही रूप हैं।
समबुद्धि दुख-सुख में सम संतुलन
समबुद्धि-समबुद्धि को सिद्ध करने से जन्म-मरण
भय से मुक्ति!!
एक निश्चय वाली बुद्धि ही प्रभु प्राप्ति का मार्ग
आसक्ति से उत्पन्न अनन्त बुद्धि वाली बुद्धि एक निश्चय वाली बुद्धि हो जाए। इसके लिए :-
सकाम कर्मों से रहित
राग द्वंद्वों से रहित परमात्मा तत्व में स्थित हो जा
निरंतर रहने वाले परमात्मा तत्व में
स्थित हो जा! हो जा रे मानव
कोई छोटा मार्ग, शार्टकट, नहीं होता आत्मानुभूति का
- प्रणाम मीना ऊँ