वेद – विज्ञान का संतुलन

परा ज्ञान – अपरा ज्ञान दोनों का
दोनों का संतुलन ही
पूर्ण ज्ञान ही सम्पूर्ण ज्ञान है
अहम् सांसारिक विज्ञान के परे ही तिरोहित होता है।
मैं सांसारिक विज्ञान की पकड़ से दूर हूँ
मैं सदा से ही मानवाकृत विज्ञान से परे हूँ
प्रभु सम्पूर्ण ज्ञानमय है
आनन्दमय है
सुखमय है
परमानन्द है

प्रभु सम्पूर्ण ज्ञान हैं
सम्पूर्ण धर्म हैं
सम्पूर्ण वैराग्य हैं
सम्पूर्ण यश हैं
सम्पूर्ण शोभा हैं
सम्पूर्ण ऐश्वर्य हैं
ईश्वर ऐश्वर्य है

ईश्वर है सर्वव्यापक सर्वशक्तिमान सर्वज्ञाता
वेद मन को ऐश्वर्यवान बनाता है।
विज्ञान शरीर को ऐश्वर्यवान बनाता है
दोनों का योग ही सम्पूर्ण योग है
वेद प्रकृति का दिया ज्ञान है विज्ञान है सत्य ज्ञान है
विज्ञान मानव बुद्धि द्वारा जाना गया तथ्य ज्ञान है
मिले सुर मेरा तुम्हारा तो सुर बने हमारा
दोनों के योग से बने महामानव ईश्वर स्वरूप

यही सत्य है !!

  • प्रणाम मीना ऊँ

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