ज्ञान विज्ञान
का परा
और
अपरा
का
मैं पवित्र चेतन आनन्द हूँ
सृष्टि
का
अनन्त नृत्य
मैं कृष्ण हूँ
यह अहम् नहीं है
जैसे श्रीकृष्ण ने गीता में कहा – ‘मेरे पास आओ।
मैं समग्र हूँ, मैं पूर्ण हूँ।
सर्वव्यापी चेतना का स्वरूप हूँ
परम चेतना का प्रवक्ता हूँ
- प्रणाम मीना ऊँ