आप ही अक्षर ब्रह्म आप ही तत्व बीज आप ही तत्व अविनाशी आप ही तत्व विनाशी आप ही तत्व सुबुद्धि आप ही तत्व कुबुद्धि आप ही तत्व शैतान आप ही तत्व भगवान मानव बुद्धि सुर में तो भगवान सुर में नहीं तो शैतान यही सत्य है। यहीं सत्य है।
अग्नि है दुर्गा
आग के साथ शांति में रहो
सभी भावनाओं को महारत हासिल होनी है
विजय प्राप्त करने या त्यागने के लिए नहीं
हमें विकास के लिए सभी भावनाओं की आवश्यकता है
हमें सुधार के लिए गुस्से की आग की जरूरत है
ज्ञान की अग्नि विकसित करना
ऊर्जा की आग कार्य करने के लिए
आग्रह की आग
जानने के लिए आग्रह करें
मदद करने का आग्रह करें
प्रेरित करने के लिए आग्रह करें ...
यही सच्चाई है।