गुरूर्ब्रह्मा गुरूर्विष्णु गुरूर्देवो महेश्वर:।
गुरु साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नम:॥
जन्म-जन्मान्तर से सृष्टि के आरम्भ से
ही हूँ
थी और रहूँगी
युगों-युगों से
जन्म-जन्म से
मेरे गुरु स्वयं ब्रह्मा विष्णु महेश हैं
आत्मा का काव्य
सत्य है
यही सत्य है।
यहीं सत्य है।।
- प्रणाम मीना ऊँ