प्रणाम कर्म

प्रणाम में
भाव बीज बोया जाता है
मन का मैल धोया जाता है
आत्मा का बोझ हटाया जाता है
जीवन जीवन्त हो जीया जाता है
अपना आपा खोया जाता है
राग-द्वेष संताप-क्लेश मिटा
पुरुषार्थ को उद्यत हुआ जाता है
अपना आपा खोया जाता है
राग-द्वेष संताप-क्लेश मिटा
सृष्टि से एकत्व जगाया जाता है
यही सत्य है
यहीं सत्य है

  • प्रणाम मीना ऊँ

प्रातिक्रिया दे