प्रकृति का सुर-ताल सम्पूर्ण
सम पर सम
पृथ्वी घूमे
चंद्र घूमे
नक्षत्र घूमे
नचाए सूर्य
नाचने वाला नचाने वाला
दोनों ही प्रकृति के नृत्य में रत
लयबद्ध तालबद्ध
सम पर सम
अनुपम अलौकिक
चंद्रग्रहण सूर्यग्रहण
बस रहते अपने-अपने
नृत्य में मग्न
खूब घूमते रहें घुमाते रहें
पर जब
प्रकृति की बजे ताली
समय की ताल पर
सम पर सम
तो एक सीध में आते
फिर से घूम जाने को
घूमने-घुमाने को
फिर से
एक लय में आने को
जब बजे प्रकृति की ताली
समय की ताल पर
सम पर सम
सटीक संतुलन
प्रकृति का संतुलन
यही सत्य है
यहीं सत्य है
- प्रणाम मीना ऊँ