धरती पर सत्य का सूर्य उदय हुआ है-
हमें प्रकाशित करने तथा अपूर्णता व अंधकार मिटाने के लिए।
हमारे बीच एक ऐसा मानव है
जिसके पास अपार प्रेम व ज्ञान की अनबूझ ज्योति है तथा सतत सत्कर्म में पूर्ण विश्वास है।
इनका आह्वान है-
रूढ़ियों से उठकर आत्मानुभूति को अपनाओ जो जीवन का अस्तित्व है। अपनी आत्म जागृति से ये वेद और विज्ञान को मिलाने में कार्यरत हैं।
परमस्रोत से स्वत: इनमें ज्ञान प्रवाहित हो रहा है जो अंतर्दृश्यों, अंतर्ध्वनियों से प्रकट होकर ध्यान में लिपिबद्ध हो रहा है।
यह ज्ञान अमृत है तथा इसमें पूर्ण ब्रह्मशक्ति है सत्य का तत्व है।
एक मुस्कान जो कभी भी निराश नहीं करती।
यही सत्य है !!
- प्रणाम मीना ऊँ