हरि ऊँ हरि रविवार : 14-11-2021
चारों दिशाओं से धरती पर त्रासदियों से त्रस्त मानव दया व कृपा हेतु कर रहा प्रभु से करुण पुकार… मंगलवार 20-7-2021 देवशयनी एकादशी पर 4 मास के लिए विश्राम पर जाने से पहले श्री विष्णु ने चेताया :-
श्री विष्णु उवाच
हे मानव ! क्यों कर रहा करुण पुकार
दया करो हे ! कृपा निधान
तेरी कुबुद्घि का अब होना ही है निदान
पांच हजार पांच सौ साल हो गए
पढ़ाई थी तुझे पूर्ण ज्ञानमयी गीता
जिसे तू अब तक न समझा न जिया रह गया रीता का रीता
क्यों न बना तू सत्यमय कर्ममय मानव जो होता दैवीय सम्पदा से परिपूर्ण
भुला बैठा अपनी ही मूल प्रकृति
सत्कर्मों से जीवन सार्थक करने की रीति
अब व्यवस्था मेरे हाथों से निकल गई है पांचों तत्वों के मध्य पहुंच गई है
उन्हीं के तांडव से होगा छंटनी का महती कर्म
अब तो समझ ले शिवशंकर के डमरू का मर्म
अपने सभी तत्वों का ध्यान से संतुलन कर
तंत्र ज्ञानी शिव का ही नमन सुमिरन कर
हम तो चले शेषनाग, क्षीर सागर शैय्या पर
यही तो पूर्ण विश्राम का समय होता है हमारा चौमासे पर
श्री शिव करें अपनी आद्या शक्ति का विस्तार
धरणी धरा पर जो हुई व्याप्त, करें इस भयावह त्रासदी का निस्तार
कुप्रवृतियों का कर संहार
सभी सद्मानवों का करें कल्याण
प्रणाम की करबद्घ प्रार्थना हो स्वीकार
वन्दे नमामि वन्दे नमामि!
शिव शम्भो सहित भवानी!!
क्या यह संयोग मात्र है कि देवउठानी एकादशी 14-11-2021 रविवार को थी और आज 15-11-2021 सोमवार को श्री शिव की आद्या शक्ति की प्राण प्रतिष्ठा-स्थापना शिवनगरी काशी-बनारस में सम्पन्न हुईं। समय के काल चक्र की सटीक व्यवस्था के समक्ष नतमस्तक है प्रणाम।
जय सत्येश्वर… जय शिव हरि…
श्री शिव ओंकारा
सत्यम् शिवम् सुन्दरम्
- प्रणाम मीना ऊँ