दृष्टा बनने की कला सिद्ध करो
धारणा तो हो ही जाएगी।
सही कर्म, सही साँस लेना
– धीरे-धीरे
– लयगत गहरी
– सामंजस्यपूर्ण नियमित
फिर देखना
निरीक्षण + परीक्षण
पूर्णतया आरामदायी तथा आनन्ददायी वातावरण में अपने अन्दर जाओ और चेतना की अन्तरतम परतों को छुओ। आत्म सुझाव प्रकृति की शक्तियाँ स्वर रंग और गंध आपको शारीरिक और मानसिक स्तरोंं के ऊपर ले जाते हैं जहाँ आत्मिक शक्तियों का प्रस्फुटन होता है जिससे आपकी सभी शक्तियाँ बढ़ती हैं – एक आनन्ददायी उत्कर्ष तक जिसने ऊँ और प्राणायाम सिद्ध कर लिया उसने सब सिद्ध कर लिया।
यही सत्य है !!
- प्रणाम मीना ऊँ