सब नश्वर है
बस ईश्वर अविनाशी है
ईश्वर
श्वर
स्वर
स्वर ही ईश्वर है।
सब नश्वर है
यह जानकर वैराग्य रखना
जो कुछ भोगा जीया पाया सबके
तुम खुद जिम्मेदार हो।
अब ये बातें जानते तो सब हैं
पर जीता कौन है
जो पूर्ण समर्पण से
यह सब पूजा की तरह करता है वही तत्व ज्ञानी है
जो यह सब जानता है
वह बस ज्ञानी मात्र है
यही सत्य है।
- प्रणाम मीना ऊँ