जीतने की उमंग की तरंग
थमने न पाए
जीत जाने के उद्यम का श्रम
रुकने न पाए
सत्य कर्म प्रेम का माना मार्ग
जो भी अपनाए
ऐसे आत्मबली मानव के प्रभु हो जाते
स्वयं सहाय
जीत जाएँगे हम अगर तू साथ है
अगर तू साथ है अगर तू साथ है
ओ कन्हाई
यही सत्य है
यहीं सत्य है
- प्रणाम मीना ऊँ