मुझे प्रचार नहीं चाहिए
प्रसार चाहिए
मुझे अपने अनुयायी नहीं चाहिए
माध्यम चाहिए जिनका दीया
प्रभु मुझ माध्यम द्वारा जलवा देवें और
वो माध्यम इतने सक्षम हों कि और आगे
मानवता का दीया जला सकें
आत्मा के उत्थान की
आत्मा की आज़ादी की
मशाल जलती रहे एक माध्यम थक जाए चुक जाए तो दूसरा माध्यम उसकी जगह ले ले
कर्मयोगी चाहिए
अंध भक्त नहीं
मुझे स्वामी माता गुरु बन पाँव नहीं पुजवाने
बहुत काम है आगे जाना है रुकना नहीं है।
यही सत्य है !!
- प्रणाम मीना ऊँ