आप ही अक्षर ब्रह्म आप ही तत्व बीज आप ही तत्व अविनाशी आप ही तत्व विनाशी आप ही तत्व सुबुद्धि आप ही तत्व कुबुद्धि आप ही तत्व शैतान आप ही तत्व भगवान मानव बुद्धि सुर में तो भगवान सुर में नहीं तो शैतान यही सत्य है। यहीं सत्य है।
हमें ऐसे काम करने चाहिए जिनसे हमें खुशी मिले।
हम जो कुछ भी करते हैं, उसमें खुशी पाएं।
कभी शिकायत मत करो।
यह कार्य करने के लिए आवश्यक ऊर्जा को दूर ले जाता है।
हर स्थिति हमें कुछ सिखाने के लिए है।
अगर हम सफल होते हैं, तो यह अच्छा है। अब हम अगली चीज़ पर जा सकते हैं।
यदि हम नहीं करते हैं, तो हम सीखते हैं कि क्या नहीं करना है।
इसलिए हमारे दोनों हाथों में 'लड्डू' (मिठाई) है।
यही सच्चाई है।