प्रभु की अदालत में कोई खरीदा हुआ वकील न होगा।
अपनी बहस खुद ही करनी पड़ेगी।
मन ही प्रभु है बुद्धि वकील, संसार कर्मभूमि
झूठ को सच साबित करने वाला कोई भी किराए का वकील नहीं होता, इस अदालत में सच्चे दरबार में।
मन की अदालत – झूठ का कोई काम नहीं वहाँ!
प्रभु की अदालत – यहाँ सच्चा ही मुकदमा जीतता है
यही सत्य है !!
- प्रणाम मीना ऊँ