नया युग

नया युग नई बात
अब न चलेगी झूठ की घात
करनी होगी ऐसी भावी पीढ़ी तैयार
जो करे अपूर्णता पर वार
रहा समय निहार कहे कण-कण पुकार
हो धरती माँ का श्रंगार
फैले सत्य प्रकाश और प्यार
यही तो है प्रणाम का आधार
यही सत्य है !!
यहीं सत्य है
!!

  • प्रणाम मीना ऊँ

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