मन के शीशे से धूल साफ की खूब देखा जमाने का रंग पैसे का संग दिमाग के खेलों का रंग अहम् का ढंग पर सच सच के पास ही जाएगा पर सच सच के पास ही जाएगा यही सत्य है यहीं सत्य है
नकारात्मक या सकारात्मक पहलुओं के बिना कुछ भी पूरा नहीं होता है।
दोनों एक-दूसरे के बिना अधूरे हैं।
बुद्धिमत्ता यह है कि कैसे उन्हें संतुलित किया जाए और उनके लिए एक बल पैदा किया जाए
विकास और विकास।
यही सच्चाई है।