तुम आए मुझे देखा और जीत लिया
मैंने पाया वरदान-सा प्यार तुम्हारा
फूटा जो नटखट झरने जैसा
मन की गहराइयों से
उदारता से भिगो गया
धड़कते दिल की सभी तहें
भर गई मैं चमकीली फुहारों से
उस परम प्रेम के आनन्द से
डूब गई पूरी की पूरी मेरी आत्मा
एक एकाकी शान्त स्थाई भाव में
अन्तर में सुलगे
जब ज्वालामुखी कामनाओं की
तो उबरूँ सन्तुष्टï चहकती-सी
आनन्दित होती हुई तुम आए…
मुझे देखा और जीत लिया
मैंने पाया वरदान-सा प्यार तुम्हारा
बहुत ही सुन्दर है यह प्यार
कितना सुन्दर है यह प्यार?
जो सहला दे सुलझा दे
सारी सलवटें सारी उलझनें
बुझे-बुझे से जीवन की
सहमे-सहमे से भावों की
सिमटी-सिमटी सी संकुचित भावनाओं की
मेरी खुशी की ओढ़नी पर सितारे टाँकती-सी
तुम आए… मुझे देखा और जीत लिया
मैंने पाया वरदान-सा प्यार तुम्हारा
जितना भी तुम ले लेते हो
उससे भी अधिक पा लेती हूँ
तुम देते हो प्रतिदिन पूरी सच्चाई से
लगाते हो लेप मेरी सारी पीड़ाओं पर
मैं तो जी रही सिर्फ तुम्हारे लिए ही
जानती हूँ दोगे तुम सदा प्रेम अनुदान ईमानदारी से
मेरी सारी संवेदनाओं को जगाता
मुझे दिव्य प्रकाश से आलोकित करता
और बनाता मेरे पूर्ण अस्तित्व को
प्रेममय दिव्य रागिनी अद्भुत रागिनी
यही सत्य है !!
यहीं सत्य है !!
- प्रणाम मीना ऊँ