दर्द और इंतजार

इन्तजार जि़न्दगी बना प्यार बंदगी बना
दर्द धड़कन बना जो तूने बनाया वही तो मैं बना
तुझसे क्यों कहाँ क्या कहूँ
मैं तो तू ही तू बना अब और क्या बाकी रहा
कृष्ण था कृष्ण-कृष्ण ही रहा
जो तूने सहा वही तो सहा
जो कहलवाया वही तो कहा
तभी तो गीता बना
यही सत्य है
कौन किसका स्थान बंदे भूला किस भ्रम में
कि है जो स्थान तेरा देगा किसी और को डेरा
किसका स्थान किसे देना है बन्दे
स्थाणुमाल्या
सब स्थान उसी के
सब प्रणाम उसी के
यही सत्य है
यहीं सत्य है

  • प्रणाम मीना ऊँ

प्रातिक्रिया दे