जय श्रीकृष्ण
आज तुम आए हो भाग जगाए हो
यही बताए हो कर्म न करने में
कभी भी न हो आसक्ति तेरी
यदि प्रभु कर्म न करें तो
कैसे चले सृष्टि का कारोबार
यही है जीवन का सार
हर तरफ ज़ुदाई ही ज़ुदाई है
प्रभु से ज़ुदाई ही तो खुदाई है
और प्रभु से मिलन ही तो
खुदाई से ज़ुदाई है
यही सत्य है !!
यहीं सत्य है !!
- प्रणाम मीना ऊँ