आज का ध्यान

आज का ध्यान

जो समाज अपने इतिहास से सबक नहीं लेता उसका भूगोल बदल जाता है, संस्कृति नष्ट हो जाती है। भविष्य अंधकारमय हो जाता है।

धन्य है भारतभूमि कोई न कोई अवतारी बन पुन: शाश्वत सनातन सत्य का मार्ग प्रशस्त अवश्य ही करता रहता है। यही है इस पुण्य भूमि का प्रताप।

यही सत्य है… समय अब करवट ले रहा है… अब पीछे देखने का समय नहीं है। सच्चे राष्ट्रप्रेमियों का प्रयास अनुभूत किया जा रहा है। प्रणाम इस नवीन युग, सत्य के उजागर होने के समय आ पहुंचने, का साक्षी हो रहा है।

प्रणाम के मन का भारत, श्रीकृष्ण के मन का अर्जुन कर्मठ कर्मयोगी, तत्पर सत्ययोगी व सत्य स्थापित करने को संकल्पित दृढ़ निश्चयी मानव निर्भय हो अपना मानव धर्म निबाहने को कर्मरत हुआ है।

पुन: प्रतिष्ठित होता भारत जगद्गरु बनने की ओर अग्रसर भारत ….जागो उठो और बढ़े चलो अभी तो बहुत संघर्ष व कर्म करना है।
जय भारत !! जय सत्येश्वर !!

  • प्रणाम मीना ऊँ

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