
मीना ॐ
03-02-2024
हम स्वयं उत्तरदायी हमारे साथ होने वाली प्रत्येक घटना सुघटना या दुर्घटना के हम स्वयं ही उत्तरदायी हैं। हमारे शत्रु या मित्र हमारे अन्दर ही तो हैं। जो कुछ हम मनसा वाचा कर्मणा करेंगे उसी का फल हमें मिलता है। सब कुछ वापस घूमकर वार करता है। बाहर से कुछ नहीं होता, किसी के करने से कुछ नहीं होता। किस्मत को दोष देना या किसी और को दोष देना, अपने किए का उत्तरदायित्व ना लेना है। अपने पर काम न करने का बहाना है। अपना सच देखने का प्रयत्न न करने का आलस्य है। अपने अंदर झांकने से बचने का ही बहाना है। यह सच नहीं जानता कि जितना जल्दी झांक लेगा उतना ही शीघ्र सत्य से साक्षात्कार कर लेगा। जय सत्येश्वर प्रणाम मीना ऊँ
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दोस्तों द्वारा संपन्न रूपांतरण

मीना ॐ
23-10-2024
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मीना ॐ
21-10-2024
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मीना ॐ
21-10-2024
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मीना ॐ
22-11-2022
जो बाँटता फिरता है जमाने को उजाले उसके दामन में लेकिन अँधेरा भी बहुत है क्या कमी की मेरे कृष्ण ने विश्व को उजागर करने में सत्य का आधार देने में अनन्त प्रकाश से प्रकाशित करने में मगर किसने देखा किसने जाना उनके दामन उनके मन का अँधेरा घना अँधेरा मैं जानूँ मैं समझूँ मैं भोगूँ उस दिल का घना अँधेरा जो लाए सवेरा यही सत्य है यहीं सत्य है प्रणाम मीना ऊँ
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दिशा निर्देश चाहिए. क्या आप दोराहे पर हैं, किस रास्ते पर चलना है मालूम नहीं, भ्रमित परेशान व दुविधा में हैं। हम सब जानते हैं कि ऐसे में उन्नत गुरुओं की विवेकपूर्ण परामर्श वस्तुस्थिति को बदल सकती है। उनकी शिक्षाएं, जो हमें जानना आवश्यक है उसे दर्शा व बता सकती हैं। हो सकता है वह सब वो ना हो जो हम सुनना चाहते हैं।
कहा जाता है कि आध्यात्मिक गुरुओं की शिक्षाएं उनकी आत्मिक शक्ति से ओत प्रोत होती हैं। खुले मस्तिक से स्वीकार कर ईमानदारी से धारण करने पर अशांत मन को धीरज और शान्ति प्रदान करती हैं और उत्तरोत्तर आध्यात्मिक उत्थान का मार्ग प्रशस्त करती है।
यहां हम मीना जी की कही बातों का संकलन प्रस्तुत कर रहे हैं।
मार्ग दर्शन कैसे प्राप्त करें।
एकांत स्थल में शांति से बैठें। गहरी श्वासें लें। अपने में स्थित हों। अब अपने प्रश्न पर ध्यान लगाएं। एक छोटी सी प्रार्थना “परम चेतना मेरा मार्ग दर्शन करो' के साथ नीचे का बटन दबा दें।
मीना जी का दर्शन आपके साथ होगा। आपको अपना उत्तर प्राप्त होगा।
कार्यक्रम
