जोत

एक रोशनी जो सब ब्रह्माण्डों से परे है
करोड़ों सूर्यों से भी तेजवान है
प्रकाश से भी वेगवान है
सम्पूर्ण सृष्टि उजागर कर दे
वह तो तेरे अपने अन्दर ही है

रे मूर्ख मानव !
तेरे मन में ही है वह ज्योति
जो सब रोशनियों की सरताज है
देख समझ पहचान-तू ही प्रभु
तू ही प्रेम, प्रेम ही प्रभु
ओ प्रभु के अंश बन जा प्रभु
बन जा रोशनी कर दे जग रोशन
नई आशा जगी है मन में
पूर्ण विश्वास है मानवता में
आएगा वही सवेरा जो होगा
मेरे ख्यालों का बसेरा

जला ज्ञान ज्योति प्रभुमयी
गीतामयी हुई मीना
बनी कल्कि अवतार
सत्यमेव जयते

यही सत्य है।
यहीं सत्य है।

  • प्रणाम मीना ऊँ

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